President Award Logbook | राष्ट्रपति पुरस्कार स्काउट गाइड लॉगबुक | Rashtrapati Award Scout Guide Logbook.

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राष्ट्रपति पुरस्कार लॉगबुक

राष्ट्रपति पुरस्कार स्काउट/गाइड अवार्ड लाग बुक तैयार करने से पूर्व निम्न निर्देशों का पालन करे

1 यह लॉग बुक निर्देश मात्र है आप और अधिक अच्छी व विस्तृत बना सकते है ।

2 स्काउट के पाठ्यक्रम पर आधारित है ।

3. आपके द्वारा चयनित विषय या दक्षता बैज में भिन्नता हो उनको अपने अनुसार तैयार कर लेवे तरीका व उदाहरण के रूप में इसे स्वीकार कर लेवे ।

4. विभिन्न प्रमाण पत्रों को अलग पेज में सुन्दर तरीके से बनाकर सम्बधित मोहर साईन लेकर लगावे ।

5. सम्बन्धी चित्र फोटोग्राफ पेपर कटिंग यथा स्थान पर लगावे प्रत्येक बिन्दु से सम्बन्धित

6. दक्षता बैजो के चित्र हरे रंग के गोल घेरे में हरे रंग से बनावे बेक ग्राउण्ड सफेद रहेगा। केवल एम्बुलेन्स मेन लाल रंग में होगा ।

7. नाम स्थान तिथि में परिवर्तन अपने अनुसार कर लेवे।

8. पाठ्यक्रम के प्रत्येक बिन्दु को अलग पृष्ठ से शुरू करे।

यदि गाइड के लिए बनावे तो

1. पाठ्यक्रम का मिलान करे भिन्नता हो उनको अपने अनुसार तैयार कर लेवे तरीका व उदाहरण के रूप में इसे स्वीकार कर लेवे।

2. स्काउट स्काउट मास्टर ट्रूप के स्थान पर गाइड , गाइड कैप्टन, गाइड कंपनी शब्द का प्रयोग करे ।

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व्यक्तिगत परिचय

नाम :-

पिता का नाम -

माता का नाम

ग्रुप का नाम -

जन्म दिनांक

प्रवेश/दीक्षा तिथि -

प्रथम सोपान तिथि -

द्वितीय सोपान तिथि –

तृतीय सोपान तिथि -

प्रमाण पत्र संख्या -                  जारी होने की तिथि -

राज्य पुरस्कार प्रशिक्षण शिविर दिनांक -

स्थान -

शिविर संचालक -

राज्य पुरस्कार जॉच -

राज्य पुरस्कार अभिशंषा शिविर दिनांक

स्थान -

राज्य पुरस्कार तिथि -

राज्य पुरस्कार अवार्ड प्रमाण पत्र संख्या -

जारी होने की तिथि -

राष्ट्रपति प्रशिक्षण शिविर/वर्कशॉप

1 स्थान -

2. दिनांक -

3. संचालक -

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मैंने निम्न पाठ्यक्रम का चुनाव किया

1 राज्य पुरस्कार प्राप्त व राज्य पुरस्कार की दक्षता के स्तर को बरकरार रखना।

2. केपिंग : -

(अ) तीन रात्रि शिविर खुले में।

(ब) शेल्टर /मचान/हट बनाना दो व्यक्तियों के लिए

3. (अ) आपदा प्रबन्धन बैज

(ब) एम्बुलेन्स मेन दक्षता बैज उत्तीर्ण / पुनः उत्तीर्ण ।

4 दो दक्षता बैज उत्तीर्ण करना -

1. हेण्डीमेन

2. हाईकर

5. छः माह अवधि का प्रति सप्ताह दो घण्टे के सामुदायिक विकास कार्यक्रम निम्न विषय पर

(अ) लिंग समानता व नारी सशक्तिकरण।

(ब) शिशु मृत्यु दर में कमी ।

6. पन्द्रह (15) दिवस तक छोटे बच्चों को खेल खिलाना ।

7 - Kandarstag Adventure Centre - Switzerland ( WOSM ) जानकारी की लागबुक तैयार करना ।

8- WOSM की वैबसाइट से Asia Pacific Region की जानकारी प्राप्त करना ।

9 राज्य पुरस्कार स्काउट के रूप में 12 माह की सेवा करना।

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राष्ट्रपति लॉगबुक 

1. राज्य पुरस्कार प्राप्त व राज्य पुरस्कार की दक्षता के स्तर को बरकरार रखना 

राज्यपुरस्कार प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी लगावे

2. केपिंग

(अ) तीन रात्रि शिविर खुले में

(ब) शेल्टर/मचान ' हट बनाना दो व्यक्तियों के लिए

शिविर का नाम - टूप शिविर

स्थान - .........................

दिनांक – .................

प्रथम दिवस कार्यक्रम

10.00 :- आगमन, तम्बु लगाना , सफाई , सजावट

11.00 :- पंजीकरण

12:00 :- भोजन व विश्राम

02.00 :- ध्वजारोहण अभ्यास

02.30 :- ध्वजारोहण स्वागत , परिचय, शिविर परिचय व शिविर उद्देश्य 

04.30 :- चाय 

05.00 :- खेल

06.00 :-  मान सभा

07.00 भोजन व विश्राम

08.00 केम्प फायर

10:00 :- शयन

द्वितीय दिवस कार्यक्रम

05.00 :- जागरण

06.30 :- प्रार्थना व्यायाम खेल , सेवा

07.30 :- नाश्ता

08.15 :- निरीक्षण

08.45 :- फलेग

09.00 से 11.30 :- अभ्यास प्राथमिक सहायता द्वितीय सोपान तक

11.30 - ड्यूटी चेन्ज

12.00 से 2.00 :- भोजन व विश्राम

02.00 से 03:00 :- मनोरंजन

3.00 से 4.30 :- अभ्यास प्राथमिक सहायता तृतीय सोपान तक व अग्रिम

05.00 :- भ्रमण

06.00 :- मान सभा

07.00 :- भोजन व विश्राम

08.00 :- केम्प फायर

10.00 :- शयन

तृतीय दिवस कार्यक्रम

05:00 :- जागरण

6.30 :- प्रार्थना व्यायाम खेल , सेवा

07:30 :- नाश्ता

08.15 :- निरीक्षण

08.45 फलेग

09.00 से 11.30 :- अभ्यास पायनियरिंग द्वितीय सोपान तक

11.30 ड्यूटी चेन्ज

12.00 से 2.00 भोजन व विश्राम

2.00 से 3:00 मनोरंजन

3.00 से 4.30 अभ्यास लेशिंग व पायनियरिंग तृतीय सोपान तक

5.00 पैटोल पायनियरिंग प्रोजेक्ट का अभ्यास व शैल्टर / मचान बनाने का अभ्यास 

06.00 मान सभा

07.00 भोजन व विश्राम

08.00 केम्प फायर

10.00 शयन

चतुर्थ दिवस कार्यक्रम

5.00 जागरण

06:30 प्रार्थना सभा

07.00 नाश्ता

08.15 निरीक्षण

08.45 फलेग

09.00 से 11.30 अनुमान लगाना

11.30 ड्यूटी चेन्ज

12.00 से 2.00 भोजन व विश्राम

02.00 से 3.00 अभ्यास कम्पास व दिशा ज्ञान

03.00 अन्तिम वार्ता व बाईण्ड अप निरीक्षण

04.00 ध्वजावतरण व राष्ट्रगान शिविर समापन प्रस्थान

05.00 पैटोल पायनियरिंग प्रोजेक्ट का अभ्यास

06.00 मान सभा

07.00 भोजन व विश्राम

08.00 केम्प फायर

10.00 शयन

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3 . (अ) आपदा प्रबन्धन बैज (ब) एम्बुलेन्स मेन दक्षता बैज उत्तीर्ण / पुनः उत्तीर्ण 

 3. (अ) आपदा प्रबन्धन दक्षता बैज

पाठ्यक्रम :-

1. आपदा व विपदा की परिभाषा जानना ।

2. आपके क्षेत्र की प्राकृतिक व मानव निर्मित (कृत्रिम) आपदा के बारे में जानना ।

3. आपदा प्रबन्धन का कार्य कर रही संस्थाओं के बारे में जानना ।

4. सिविल डिफेन्स व फायर बिग्रेड की मूलभूत जानकारी ।

5. आपदा प्रबन्धन की पूर्व तैयारी के बिन्दुओं को बता सकना 

6. घर कारखाने यातायात में सुरक्षा की जानकारी ।

7. अपने क्षेत्र के दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रों की पहचान व वर्णन करना 

8. आपदा की स्थिति में स्थानीय परिस्थिति की रिपोर्ट कर सकना - फेक्स / मेल / टेलीफोन / टेलेक्स / एसएमएस / फेसबुक / यूट्यूब आदि द्वारा

9. मीडिया की आपदा प्रबन्धन में भूमिका जानना

10 आपदा पुर्नवास की विधियाँ व राजकीय तथा स्यवंसेवी संस्थाओं का पता लगाना


1. आपदा व विपदा की परिभाषा जानना

हम जानते है कि

आपदा :- आपदा वह घटना या दुर्घटना कहलाती जिसका प्रभाव क्षेत्र व्यापक हो , जन धन की हानि का स्तर व्यापक हो , कई घर , परिवार , गॉव उस घटना से प्रभावित हुए हो और एक घर या परिवार या गॉव उस घटना का मुकाबला नहीं कर सकता हो। जैसे - बाढ , भूकम्प , चक्रवात अकाल आदि।

विपदा :- विपदा वह घटना या दुर्घटना कहलाती जिसका प्रभाव क्षेत्र व्यापक न हो , जन धन की हानि का स्तर कम हो , एक घर या परिवार उस घटना से प्रभावित हुए हो और एक घर या परिवार उस घटना का मुकाबला कर सकता हो। जैसे एक्सीडेन्ट , घर में आग , अकाल मोत आदि

2. आपके क्षेत्र की प्राकृतिक व मानव निर्मित ( कृत्रिम ) आपदा के बारे मे जानना

हम जानते है कि आपदा दो प्रकार की होतीं है।

1. प्राकृतिक आपदा   2. मानवनिर्मत या कृत्रिम आपदा

प्राकृतिक आपदा प्रकृति के असन्तुलन से होती है। जिस पर मानव का जोर नहीं चलता  जैसे :

प्राकृतिक आपदाऐं - 1 बाढ 2. चक्रवात  3 भूस्खलन 4. आग  5. अकाल  6 ज्वालामुखी विस्फोट 

मानव निर्मित आपदा मनुष्य के लालच स्वार्थ विवेहीनता लापरवही अज्ञानता के कारण होती है ।

मानव निर्मित आपदाऐ - 1. साम्प्रदायिक दंगे,  2. आंतकवाद की वारदाते , 3 बम विस्फोट, 4. रेल कारखाने खनन क्षेत्र आदि में घटित महादुघर्टनाऐं , 5 महामारी

3. आपदा प्रबन्धन का कार्य कर रही संस्थाओं के बारे में जानना

आपदा प्रबन्धन में निम्न संस्थाएं काम कर रही है।

1 नागरिक सुरक्षा गृह मन्त्रालय भारत सरकार ।

2. नागरिक सुरक्षा गृह मन्त्रालय राज्य सरकार

3. निदेशालय नागरिक सुरक्षा राज्य सरकार

4 आपदा प्रबन्धन केन्द्र हरिश्चन्द्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान जयपुर

6 स्थानीय प्रशासन

7 पुलिस विभाग

8 ओद्योगिक सुरक्षा बल केन्द्रीय सुरक्षा बल

9 भारतीय सेना

10 चिकित्सा विभाग

12 भारत स्काउट गाइड संगठन

13 विभिन्न एन.जी.ओ

4.सिविल डिफेन्स व फायर बिग्रेड की मूलभूत जानकारी 

सिविल डिफेन्स : - हम जानते है कि नागरिक सुरक्षा का अर्थ है नागरिकों द्वारा नागरिकों की सुरक्षा करना हैं । यह उपाय आपदा विपदा के समय सरकार एनजीओ सथानीय प्रशासन व नागरिको की मदद से जन धन की हानि व अन्य प्रभाव को कम करने के लिए होता है । इसके लिए नागरिक सुरक्षा का गठन 6 दिसम्बर 1962 को भारत चीन युद्ध के समय किया गया था। तथा भारत सरकार द्वारा 10 जुलाई 1968 को नागरिक सुरक्षा अधिनियम लागु कर 2009 में आपदा प्रबन्धन अधिनियम भी इसमें जोड़ दिया गया।

इसके निम्न उद्देश्य है :-

1. जन धन की हानि की रक्षा करना

2.जान माल का नुकसान कम होने देना

3. उत्पादन में निरन्तरता बनाऐं रखना

4.आम जनता का मनोबल बनाऐं रखना

वर्तमान में भारत में 221 नागरिक सुरक्षा नगरघोषित है जिनमें से 27 राजस्थान में घोषित है परन्तु कार्यरत 13 है।

फायर बिगेड : - यह विभाग नागरिक सुरक्षा का एक अहम विभाग है जो सुचना मिलने पर तुरन्त पहुचकर आग से जान माल के नुकसान को कम कर आग पर काबु पाता हैं । इसके नम्बर है - 101

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5. आपदा प्रबन्धन की पूर्व तैयारी के बिन्दुओं को बता सकना

1 भुकम्प से बचाव के लिए मकान पुल बाँध आदि का निमार्ण भुकम्प रोधी तरीके व नियमानुसार गुणवतापूर्ण तरीके से करे।

2 बाढ अकाल भुस्खलन से बचाव के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें , मेढबन्धी करें

3. खनिजो का दोहन कम करे

4 अफवाहों पर ध्यान न देकर विवेक का प्रयोग कर साम्प्रदायिक उन्माद में नहीं आवे ।

6. आस पास के माहोल के प्रति जागरूक रहे ।

7. सरकारी चेतावनियों का पालन करे ।

8. महत्वपूर्ण विभागों के सम्पर्क नम्बर रखे

9. आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण व जानकारी प्राप्त करे 

10.आपदा के प्रकार की जानकारी के अनुरूप बचाव व राहत के उपाय जाने ।

( नीचे दिए गए पम्पलेट्स की सहायता से अपने अनुसार लिखे )





आपदा-प्रबंधन-दक्षता-बैज

6.घर ,कारखाने, यातायात में सुरक्षा की जानकारी 
 1. घर में सुरक्षा :-
1 घर का निर्माण व डिजाइन भवन सुरक्षा नियमानुसार व भुकम्प रोधी विधि से हों
2. घर में अग्निशमक यन्त्र रखे ।
3. बिजली के तार व फिटिंग ढीली न हो ।
4. गैस चूल्हे का उपयोग सुरक्षा मानको के अनुसार करे ।
5. महत्वपूर्ण विभागों के सम्पर्क नम्बर रखे ।

2. कारखाने में सुरक्षा :
1 अग्निशमक यन्त्र रखे ।
2. महत्वपूर्ण विभागों के सम्पर्क नम्बर रखे ।
3. आपात स्थिति सुचना अलार्म रखे ।
4 आपात स्थिति में मजदूरो का निकास मार्ग हो ।
5. मजदुरो को आपदा प्रबन्धन व सुरक्षा का प्रशिक्षण देना
6. आपदा का मॉक ड्रिल समय समय पर करना ।

3. यातायात में सुरक्षा- यातायात के समय 
1 . हेलमेट / सीट बेल्ट का प्रयोग करें 
2 गति सीमा के नियमों का पालन करे ।
3. मोबाइल का प्रयोग नहीं करे ।
4 ओवर टेक सावधानी से करे ।
5. बाए चलें ।
6. ट्रेफिक लाइट्स का पालन करे ।

7. अपने क्षेत्र के दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रों की पहचान व वर्णन करना ।

मेरे क्षेत्र में निम्न स्थान दुर्घटना सम्भावित है जहाँ पर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से चेतावनी बोर्ड लगा दिए गए है ।
1 विभिन्न स्कूल के मेन गेट जो मुख्य सड़क से जुड़े है ।
2 मुख्य सड़क मेघाहाईवे जो घनी आबादी से गुजरता है ।
3 घुमावदार मोड ।
4 तालाब ।
5 झुलते तार व बिजली के ट्रान्सफार्मर ।
6 डिग्गी कल्याण मन्दिर मुख्यत पदयात्रा के दौरान

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8. आपदा की स्थिति में स्थानीय परिस्थिति की रिपोर्ट कर सकना -फेक्स / मेल / टेलीफोन / टेलेक्स / एसएमएस / फेसबुक / यूट्यूब आदि द्वारा ।

हम विभिन्न आपदा / विपदा के समय निम्न नम्बरों पर सम्पर्क कर सुचना दे सकते है :
पुलिस:- 100
एम्बुलेन्स :- 102,108
फायरबिग्रेड :-101
जिला नियन्त्रणकक्ष :- 1077
राज्यनियन्त्रण कक्ष :- 1070
इसके अलावा मेल , एसएमएस , फेसबुक आदि द्वारा रिपोर्टिंग कर सकते है ।

9. मीडिया की आपदा प्रबन्धन में भूमिका जानना
आपदा की स्थिति में मीडिया की भूमिका निम्न होनी चाहिए :-
 1 लोगों को राहत पहुचाने , धैर्य रखने व मनोबल बढ़ाने के समाचार प्रेषित करे ।
  2. सही व सटीक खबरे प्रकाशित करे ।
  3 दुराग्रह से दूर रहें ।
  4 राहत व पुर्नवास के उपाय बतायें ।
  5. नकारात्मक खबरे की बजाय सकारात्मक खबरे व्यापक प्रकाशित करे 
  
10 आपदा पुर्नवास की विधियाँ व राजकीय तथा स्यवंसेवी संस्थाओं का पता लगाना ।
आपदा के बाद सरकार व हम सब को निम्न उपाय प्रभावितों के लिए करना चाहिए :-
1 लोगो के लिए राहत शिविर लगाना ।
2. पुर्नवास केन्द्र की स्थापना करना व पुर्नवास की व्यवस्था करना ।
3. रोजगार प्रशिक्षण की व्यवस्था कर आजीविका के क्षेत्र उपलब्ध कराना ।
4 बच्चों के लिए शिक्षा का प्रबन्ध
5 नियमानुसार मुवावजे को देनां
6. गैर सरकारी एजेन्सीज की मदद से पुर्नवास व सम्बलन कार्य