प्रार्थना ( PRAYER )
दया कर दान भक्ति का , हमे परमात्मा देंना
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना
हमारे ध्यान में आओ , प्रभु आंखों में बस जाओ
अंधेरे दिल मे आकर के, परम् ज्योति जगा देना
बहा दो प्रेम की गंगा, दिलो में प्रेम का सागर
हमे आपस मे मिल जुल कर प्रभु रहना सीखा देना
हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा
सदा ईमान हो सेवा व सेवक चर बना देना
वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरणा
वतन पर जान फिदा करना , प्रभु हमको सीखा देना
दया कर दान भक्ति का हमे परमात्मा देना
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना।।
" दया कर दान भक्ति का " प्रार्थना के रचयिता पंजाब प्रांत के पूर्व प्रादेशिक संगठन आयुक्त " श्री वीरदेव वीर " थे। इसे एक निश्चित लय में सावधान अवस्था मे खड़े होकर 1.5 मिनट या 90 सेकेंड में गाया जाता है।
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