स्काउट/गाइड नियम और प्रतिज्ञा | LAW & PROMISE | SCOUT LAW | GUIDE LAW | SCOUT PROMISE | GUIDE PROMISE

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स्काउट गाइड नियम और प्रतिज्ञा

स्काउट नियम (Scout Law)

स्काउट नियम एक है लेकिन इसके खण्ड(भाग) नौ (09) है।

1.) स्काउट विश्वसनीय होता है।

2.) स्काउट वफादार होता है।

3.) स्काउट सबका मित्र और प्रत्येक दूसरे स्काउट का भाई होता है।

4.) स्काउट विनम्र होता है ।

5.) स्काउट पशु -पक्षियों का मित्र और प्रकृति प्रेमी होता  है।

6.) स्काउट अनुशासनशील होता है और सार्वजनिक सम्पति की रक्षा करने में सहायता करता है।

7.) स्काउट साहसी होता है।

8.) स्काउट मितव्ययी (कम खर्चीला) होता है।

9.) स्काउट मन, वचन और कर्म से शुद्ध होता है।

गाइड नियम (Guide Law)

1.) गाइड विश्वसनीय होती है।

2.) गाइड वफादार होती है।

3.) गाइड सबकी मित्र और प्रत्येक दूसरे गाइड की बहन होती है।

4.)गाइड विनम्र होती है ।

5.) गाइड पशु -पक्षियों का मित्र और प्रकृति प्रेमी  होती है।

6.)गाइड अनुशासनशील होती है और सार्वजनिक सम्पति की रक्षा करने में सहायता करती है।

7.) गाइड साहसी होती है।

8.) गाइड मितव्ययी (कम खर्चीला) होती है।

9.) गाइड मन, वचन और कर्म से शुद्ध होती है।

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स्काउट प्रतिज्ञा (Scout Promise)  

मैं मर्यादा पूवर्क प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं यथाशक्ति

- ईश्वर और अपने देश के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करूंगा

- दुसरो की सहायता करूंगा

- स्काउट/गाइड नियम का पालन करूंगा

नोट:- ' ईश्वर ' शब्द के स्थान पर इच्छानुसार "धर्म" शब्द का प्रयोग किया जा सकता है।

   गाइड प्रतिज्ञा (Guide Promise)

मैं मर्यादा पूवर्क प्रतिज्ञा करती हूं कि मैं यथाशक्ति -

- ईश्वर और अपने देश के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करूंगी

- दुसरो की सहायता करूंगी

- गाइड नियम का पालन करूंगी

नोट:- ' ईश्वर ' शब्द के स्थान पर इच्छानुसार "धर्म" शब्द का प्रयोग किया जा सकता है।

स्काउट गाइड नियम की विस्तृत जानकारी

स्काउट/गाइड विश्वसनीय होता होती है।

विश्वसनीयता में सत्यता का भाव अंतर्निहित है। सत्य वचन एक ऐसी कुंजी है जिससे सभी विश्वसनीय बन जाते है। कबीरदास जी ने कहा है

 “सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप, जाके हृदय सांच है, ताके हृदय आप।।"

महात्मा गांधी जी ने जीवन भर सत्य का पालन कर विश्व को दिखा दिया कि सत्य में कितनी शक्ति है। "सत्यमेव जयते" सत्य की विजय निश्चित है। स्काउट/गाइड यथा शक्ति अपने आचरण में सत्यता का अनुपालन करते हैं जिससे वे सबके विश्वसनीय बन जाते हैं। झूठ बोलने का क्या प्रतिफल होता है यह उस गडरिये बालक की कहानी से परिलक्षित हो जाता है जो प्रतिदिन भेड़िया-भेड़िया चिल्लाकर गाँव के लोगों को ठगा करता था। किन्तु एक दिन जब सचमुच भेड़िया आ गया तो किसी ने भी उसका विश्वास नहीं किया और भेड़िया उसकी भेड़ खा गया। स्काउट/गाइड अपने माता-पिता, भाई-बहिन, अड़ोसी पड़ोसी तथा मित्रों और गुरुजनों के विश्वास पात्र होता होती है।

स्काउट/गाइड वफादार होता/होती है।

विश्व में प्रत्येक प्राणी का कोई न कोई स्वामी अवश्य है। मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षी भी इससे अछूते नहीं है। घर में माता-पिता व बड़ों का तथा विद्यालय में गुरुजनों की आज्ञा का पालन, उनके प्रति भक्ति का भाव, उनकी बातों को आदरपूर्वक मानना हमारा पुनीत कर्त्तव्य है। समाज तथा देश के नियमों का पालन कर हमें देश-भक्ति का परिचय देना चाहिए।

हमारे देश का इतिहास और साहित्य वफादारी के गुणों से भरा पड़ा है। भामाशाह ने अपनी जीवन भर की संचित पूंजी को देश हित में महाराणा प्रताप को सौंप दिया था। पन्नाधाय ने उदय सिंह की रक्षा के लिये अपने पुत्र का बलिदान कर दिया था। फूलों की टोकरी में रखकर उसे किले से बाहर लेकर चली गई थी।

स्काउट/गाइड सबका/सबकी मित्र और प्रत्येक दूसरे स्काउट/गाइड का / की भाई/बहिन होता/होती है।

स्काउट/गाइड "वसुधैव कुटुम्बकम्" के सिद्धान्त पर विश्वास करते हैं। उनका

भाईचारा वर्ण, वर्ग, धर्म की सीमाओं में नहीं बंधा होता । विश्व में जहां भी वे जाते हैं, एक दूसरे पर विश्वास कर, मित्र बन जाते हैं। मित्रता, स्पष्टवादिता तथा चेहरे की मुस्कान उन्हें अन्य लोगों से भिन्न बना देती है।

स्काउट/गाइड विनम्र होता / होती है।

विनम्रता सज्जन व्यक्ति का आभूषण है। संसार के बड़े-बड़े कार्य विनम्र व्यक्ति सहज में कर लेता है। विनम्रता में अहंकार को पिघलाकर पानी-पानी कर देने की क्षमता है। विनम्र व्यक्ति सबका प्रिय और पूजनीय होता है।

विद्या प्राप्ति के पश्चात् यदि व्यक्ति में विनम्रता का गुण नहीं आया तो वह मूढ़ है, अनपढ़ है। स्काउट/गाइड सदैव इस आभूषण को धारण किये रहते है। पारितोषक की लालसा किये बिना वे महिलाओं, बच्चों, बूढ़ों तथा असहाय व्यक्तियों के प्रति विनम्रता का व्यवहार करते है।

स्काउट/गाइड पशु-पक्षियों का मित्र और प्रकृति-प्रेमी होता/होती है।

अनादिकाल से मनुष्य और पशु-पक्षियों में सानिध्य और एक दूसरे पर निर्भरता रही है। प्राचीनकाल से ही मनुष्य अपने भोजन, वस्त्र व यातायात की आवश्यकता पूर्ति हेतु पशुओं पर निर्भर होता चला आ रहा है। गाय, बैल, भैंस, भेड़, ऊँट, घोड़े, हाथी, कुत्ते, बिल्ली आदि से वह सहयोग लेता रहा है।

स्काउट/गाइड पशुओं से प्रेम इसलिये करते हैं कि वे भी उन्हीं की तरह ईश्वर के जीव है ।

स्काउट/गाइड अनुशासनशील होता होती हैं और सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करने में सहायता करता/करती है।

स्काउट/गाइड संगठन एक निश्चित गणवेशधारी संस्था है जिसके नियम, प्रतिज्ञा, सिद्धान्त, कार्यक्रम, विधियां स्काउट गाइड के लिये ऐसा वातावरण प्रस्तुत करते हैं कि वे संयमित व नियमित जीवन जी सकें। जो व्यक्ति स्वयं अनुशासित हो, वहीं दूसरों को अनुशासन का पाठ पढ़ा सकता है। स्काउट/गाइड स्वयं को अनुशासन की परिधि में लाकर दूसरों के लिये उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। नियम और प्रतिज्ञा का पालन और उनका सतत् अभ्यास उनकी आदत का अभिन्न अंग बन जाते हैं। स्काउट शिक्षा 'रचना' की आदत डालती है। जिस व्यक्ति के मन-मस्तिष्क पर 'रचना' (निर्माण) के संस्कार अंकित हो जायेंगे वह विनाश (तोड़-फोड़) से दूर रहेगा तथा दूसरों को भी ऐसा करने से रोकेगा। विद्यालय-फर्नीचर, शीशे, बिजली के बल्व, फूल तोड़ते या दीवारें बिगाड़ते देखकर स्काउट/गाइड दुःखी होते हैं तथा यथासम्भव उन्हें रोकते हैं। सार्वजनिक सम्पति-वाहनों, पार्कों, पुस्तकालय-वाचनालय, क्रीडांगण, रेल सम्पत्ति, विद्युत व जल व्यवस्था, बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन तथा अन्य स्थलों के दुरुपयोग व तोड़ फोड़ पर स्काउट गाइड उनकी सुरक्षा हेतु यथा-शक्ति योगदान करते हैं। राष्ट्रीय सम्पत्ति की रक्षा करने हेतु वे सदैव तत्पर रहते हैं।

स्काउट/गाइड साहसी होता / होती हैं।

कवि एच.डब्लू लौंगफेलों ने साहसी व्यक्ति का वर्णन, निम्नलिखित पंक्तियों में किया है.

Brave men who work, while others sleep' Who dare, while others fly:

They build a nation's pillars deep.

And lift them to the sky."

साहस व्यक्ति की ढाल है। साहसी व्यक्ति खतरों का साहस से सामना करता है। बचपन से ही बच्चे में साहस के गुण कूट-कूट कर भर दिये जायें तो बड़ा होकर वह अवश्य ही एक साहसी व्यक्ति बनेगा। शिवाजी और महाराणा प्रताप को साहसी बनाने का श्रेय उनकी माँ को जाता है। जो माँ बच्चे को निर्भीक बनाती है वह अपने जीवन में सफल व्यक्ति बनता है। कष्टों व चुनौतियों से जूझने से ही व्यक्ति की परख होती है।

स्काउट/गाइड साहस और सूझबूझ से परिस्थितियों का सामना करते हैं। वनोपसेवन, रात्रि-हाइक, शिविर-जीवन, हाइक एवं तैराकी पर्वतारोहण आदि कलापों से उनमें साहस के गुणों का विकास होता है।

स्काउट/गाइड मितव्ययी होता होती है।

नेक कमाई, सुविचारित व्यय और बचत सुख का आधार है। जो लोग अन्धाधुन्ध धन कमाते हैं और व्यय करते हैं वे कभी सुखी नहीं रहते। "ill god ill spent" अर्थात् बुरी कमाई बुरे कार्यों में लगती है। सच्चाई से कमाया धन मनुष्य को मर्यादित करता है। पसीने की कमाई को व्यक्ति सोच समझ कर व्यय करता है जबकि ऊपरी कमाई (Black Money) अपव्यय में जाती है। जितनी सुगमता से धन कमाया जायेगा उतनी ही बेरहमी से उसे खर्च किया जायेगा, ऐसा धन दुर्व्यसनों, ऐशोआराम तथा दारु-दवा में पानी की तरह बह जायेगा। स्काउट/गाइड सदैव नेक कमाई करते हैं और मेहनत की रोटी खाते हैं। यही उनकी सोच होती है।

बचत का गुण स्काउट/गाइड में कूट-कूट कर भरा होता है। अपना जेब खर्च को यों ही चाट, पकौड़ी, आइसक्रीम व टॉफी में नहीं गंवाते, वरन् उसे वे एक गुल्लक या बचत खाते में जमा करते रहते हैं। जिन साधनों और कार्यों से अधिक से अधिक संतुष्टि मिले उसी पर व्यय करते हैं। समय की बचत, अन्न की बचत, पानी-बिजली की बचत तथा उपयोग की अनेक चीजों की बचत कर हम अधिक सुखी हो सकते हैं। स्काउट/गाइड अपनी वाणी पर भी नियंत्रण रखते हैं। आवश्यक मृदु व सुस्पष्ट कथन कहते हैं। गाली-गलौच, अपशब्द तथा भद्दी मजाक से बचते है। विज्ञापनों से भी वे शीघ्र प्रभावित नहीं होते।

राष्ट्रीय सम्पत्ति की सुरक्षा, वनों की अन्धाधुन्ध कटाई, वन्य जीवों का विनाश, खनिजों का दोहन, भूगर्भीय जल का दोहन इत्यादि विनाश लीला का आमंत्रण है। स्काउट/गाइड इनकी सुरक्षा हेतु जन-चेतना जगाने का कार्य करते हैं।

स्काउट/गाइड मन, वचन और कर्म से शुद्ध होता / होती हैं।

मनस्वी व्यक्ति अपने मन, वाणी और कर्म तीनों को संयत रखता है। हमारा भारतीय दर्शन चित्तवृत्तियों को वश में रखने पर बल देता है। यह अंतः करण चतुष्टय की सत्ता को मानता है जिनमें मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार चार तत्वों का समावेश है। मन व बुद्धि चेतना के अंग हैं तथा चित्त व अहंकार अचेतन की सृष्टि माने जाते है। स्काउट गाइड नैतिकता के उक्त मूल्यों का बचपन से ही यथाशक्ति अभ्यास कर अपने मन को शुद्ध, वाणी को परिष्कृत कर जन-सेवा का व्रत पूर्ण कर तथा नेक कार्य कर मानव जीवन को सार्थक कर लेते हैं

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