AMBULANCE MAN BADGE | एम्बुलेंस मैंन | FIRST AID | प्राथमिक सहायता | RAJYA PURSKAR LOGBOOK ||

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एम्बुलेंस बैज (प्राथमिक सहायता)

राज्य पुरस्कार लॉगबुक के अंतर्गत आज हम एम्बुलेंस/एम्बुलेंस मैन बैज के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे

1. तृतीय सोपान बैज की दक्षता:
तृतीय सोपान तक के प्रवीणता बैजों के प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी लगाएँ।

2. तृतीय सोपान बैज प्राप्त करना:
तृतीय सोपान बैज के प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी लगाएँ।

3.एम्बुलेन्स मैन दक्षता बैज (Ambulanceman Badge) पाठ्यक्रम:-

i. तृतीय सोपान तक प्राथमिक सहायता से सम्बन्धित प्रश्नों का जवाब दे सकना।
ii. धीमे व तेज रक्त स्राव को रोक सकना।
iii. मोच की पहचान व पट्टी बांधना।
iv. हेमलिच विधि से उपचार।
v. मुख से मुख विधि द्वारा कृत्रिम श्वसन।
vi. कृत्रिम स्ट्रेचर व रोलर बैण्डेज।
vii. सन्देश भेजना।
viii. एक या दो प्राथमिक सहायक द्वारा मरीज को ले जाने के तरीके।

i. तृतीय सोपान तक प्राथमिक सहायता से सम्बन्धित प्रश्नों का जवाब दे सकना:-

हम तृतीय सोपान तक प्राथमिक सहायता से सम्बन्धित प्रश्नों के जवाब दे सकते हैं , जैसे –

a) मरीज को घटना स्थल पर व अस्पताल ले जाने तक किसी भी प्रकार की दी जाने वाली सहायता प्राथमिक सहायता कहलाती है।

b) प्राथमिक सहायक के गुण :
★ धैर्य
★ सही जानकारी
★ उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग करना

c) प्राथमिक सहायता के उद्देश्य –
★ जीवन बचाना
★ चोट बढ़ने न देना
★ दर्द कम करना

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d) रीफ नॉट(Reef Knot), बो लाइन(Bow Line) व फायरमेन चेयर नॉट (Fireman’s Chair Knot) प्राथमिक सहायता में काम आती हैं।

e) बहते खून को रोकने के लिए मजबूत पट्टी को टूर्निकेट कहते हैं।

f) हेमलिच विधि का प्रयोग गले में सिक्का जैसी वस्तुओं के फंस जाने पर उनको बाहर निकालने के लिए किया जाता है।

g) हड्डी की टूट तीन प्रकार की होती है-

★ साधारण टूट- सिम्पल फ्रेक्चर
★ विशेष टूट- कम्पाउण्ड फ्रेक्चर
★ जटिल टूट - कोम्प्लीकेटेड फ्रेक्चर

h) रक्त स्राव तीन प्रकार का होता है –
• धमनी से
• शिरा से
• केशिका से

i) कृत्रिम श्वसन की विधियाँ –
• मुख से मुख विधि (जीवन रक्षक विधि)
• शेफर विधि
• सिल्वेस्टर विधि
• होल्गर नेलशन विधि
• लाबोर्ड विधि

j) प्राथमिक सहायता पेटी की जानकारी

k) उपचार जानना –
• साँप काटने पर
• कुता काटने पर
• डंक लगने पर
• जलना व झुलसना
• कटना व खरोच आना
• सदमा, मूर्छा व बेहोशी आने पर

l) मरीज को ले जाने के तरीके व कृत्रिम बैशाखी की जानकारी।

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प्राथमिक सहायता
(एम्बुलेन्स मैन/एम्बुलेन्स)

प्रश्न 1. प्राथमिक सहायता किसे कहते हैं ?
उत्तर : डॉक्टर के आने से पहले या चिकित्सालय पहुंचाने से पहले रोगी को दी जाने वाली सहायता प्राथमिक सहायता कहलाती है।

प्रश्न 2 . प्राथमिक सहायता पेटी (First Aid Box) में मुख्य रूप क्या-क्या सामान होता है?
उत्तर : डिटोल, तिकोनी पट्टियां, रूई, ब्लेड, अमृतधारा, बरनोल, आयोडेक्स, विक्स, डिस्प्रिन, सोफ्राइमाइसिन, पैरासिटामोल, छोटी कैंची, चिमटी, खपच्चियां, टुर्निकेट आदि।

प्रश्न 3. प्राथमिक सहायता व मानव रक्षा में काम आने वाली प्रमुख गांठों के नाम बताओ?
उत्तर : रीफ नॉट (चौकोर गांठ), बोलाइन (ध्रुपगांठ), फायरमैन चेयर नॉट (कुर्सी गांठ)।

प्रश्न 4. टुर्निकेट क्या होता है?
उत्तर : बहते खून को रोकने के लिये प्रयोग की जाने वाली मजबूत पट्टी टुर्निकट कहलाती है।

प्रश्न 5. प्राथमिक सहायता में तिकोनी पट्टी का क्या उपयोग है?
उत्तर :
(अ) दवाई व रूई आदि को अपने स्थान पर स्थिर रखना।
(ब) घायल अंग को सहारा देना।
(स) शरीर के विभिन्न अंगों पर बांधा जाना अधिक सुविधाजनक एवं सुरक्षात्मक है।

प्रश्न 6. हड्डी की टूट कितने प्रकार की होती है?
उत्तर :
i. साधारण टूट (Simple Fracture)
ii. विशेष टूट (Compound Fracture)
iii. विषम टूट (Complicated Fracture)

प्रश्न 7. रक्तस्राव कितनी प्रकार से होते हैं?
उत्तर :

i. धमनी (Arteries)से- यह तेज लाल रंग का रक्त हृदय की ओर से फव्वारे की तरह निकलता है।
ii. शिरा द्वारा (Veins)- गहरा लाल (कुछ बैंगनी नीलापन) हृदय से विपरीत निकलता है।
iii. केशिकाओं द्वारा(Capillaries)- यह चटकीला लाल रंग लिए होता है। धीरे-धीरे रिस-रिसकर घाव भर जाता है

प्रश्न 8. कृत्रिम श्वास विधियों के नाम बताओ?
उत्तर :
i. शेफर विधि
ii. सिल्वेस्टर विधि
iii. होल्गर नेलसन विधि
iv. लाबोर्ड विधि
v. जीवनरक्षक श्वसन विधि (माउथ टू माउथ)

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प्रश्न 9. शरीर की मुख्य प्रणालियां (System) कौन-कौन-सी हैं?
उत्तर :
i. नाड़ी जाल प्रणाली (Nervours- System)
ii. श्वास प्रणाली (Respiratory)
iii. पाचन प्रणाली (Digestive)
iv. रक्त प्रणाली (Blood Circulation)
v. ग्रंथि जाल (Glands)
vi. निकास प्रणाली (Excretory & Urinary)

प्रश्न 10. प्राथमिक चिकित्सक में क्या-क्या गुण होने चाहिए?
उत्तर : आत्मविश्वास, स्वच्छता, धैर्य, प्रसन्नचित्त, प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान।

प्रश्न 11. सांप के काटे की क्या पहचान है?
उत्तर :
i. काटे हुए स्थान पर एक इंच के फासले पर सुई की तरह के दो निशान बन जाते हैं।
ii. वह स्थान नीला होने लगता है।

प्रश्न 12. पागल कुत्ते की क्या पहचान है?
उत्तर : पागल कुत्ते की पूंछ सीधी हो जाती है। उसके मुंह से लार टपकती रहती है। वह बेचैनी से इधर-उधर दौड़ता रहता है।

प्रश्न 13: किसी व्यक्ति को बिजली का झटका लगने पर क्या करना चाहिए?
उत्तर :
i. किसी सूखे डण्डे से व्यक्ति के शरीर से तार को हटाना चाहिए ।
ii. मुख्य स्विच बंद कर देना चाहिए।

प्रश्न 14. जलने व झुलसने में क्या अंतर है?
उत्तर : सीधी आग (अंगारे) या गर्म वस्तु से जलने को जलना कहलाते हैं। गरम तरल पदार्थ से जलने को झुलसना कहते हैं।

प्रश्न 15. साधारण जलने पर क्या करना चाहिए?
उत्तर : जली हुई त्वचा को जलन कम होने तक नल के ठंडे पानी या बर्फ के पानी में रखें।

प्रश्न 16. रसायन से जलने पर क्या करें?
उत्तर : जले भाग को खूब अच्छी तरह ठंडे पानी से धो डालें।

प्रश्न 17. मधुमक्खी के काटने पर क्या उपचार करेंगे?
उत्तर : पहले डंक को निकालें, फिर प्रभावित अंग को साबुन व पानी से धोएं। एंटीहिस्टामाइन क्रीम लगाएं। बर्फ भी रख सकते हैं। अचार भी लगा सकते हैं व लोहा भी रगड़ सकते हैं। एविल की गोली दे दें।

प्रश्न 18. जीवनरक्षक डोरी की लम्बाई कितनी होती है ? रस्सी के छोर पर कौन सी गांठ लगाई जाती है? रस्सी फेंकने का प्रदर्शन करें?
उत्तर : लम्बाई 42 फुट, रस्सी के छोर पर ध्रुव गांठ (बोलाइन) लगाई जाती है। (रस्सी फेंकने का अभ्यास करें)।

प्रश्न 19. तिकोनी पट्टी का आविष्कार किसने और कब किया?
उत्तर : स्विट्जरलैंड के चिकित्सक मेयर ने 1931 में किया।

प्रश्न 20. अस्थिपंजर (Skeleton) का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर : इसके मुख्य कार्य हैं :
(क) शरीर की आकृति निर्धारित करना, (ख) शरीर के विभिन्न भागों को जोड़ना, (ग) महत्वपूर्ण अंगों को सुरक्षा प्रदान करना, जैसे मस्तिष्क, हृदय आदि, (घ) मज्जा (Marrow) से रक्त के लाल कोष्ठ (Cell) बनाना।

प्रश्न 21. रीढ़ में कुल कितनी हड्डियां होती हैं?
उत्तर : रीढ़ में कुल 33 हड्डियां होती हैं।

प्रश्न 22. सामान्य स्थिति में एक वयस्क व्यक्ति का हृदय प्रति मिनट कितनी बार धड़कता है?
उत्तर : एक मिनट में 72 बार (छोटे बच्चों का 100 बार)।

प्रश्न 23. एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लगभग कितना रक्त होता है?
उत्तर : लगभग 5 से 7 लीटर ।

प्रश्न 24. क्या कुष्ठ रोग संक्रामक होता है?
उत्तर : नहीं।

प्रश्न 25. हेमलिच विधि किस काम आती है?
उत्तर : इस विधि का प्रयोग गले में फंसा सिक्का, गोली आदि निकालने के लिये किया जाता है।

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प्रश्न 26. शरीर की प्रत्येक साइड में कितने-कितने दबाव बिन्दु (प्रेशर प्वाइंट) होते हैं?
उत्तर : प्रत्येक साइड में प्रमुख 12-12 दबाव बिन्दु होते हैं।

प्रश्न 27. मरीज को स्ट्रेचर पर ले जाते समय उसका सिर किस ओर होना चाहिए?
उत्तर : रोगी का सिर पीछे की ओर तथा पैर आगे की ओर होने चाहिए।

प्रश्न 28. फायर मैन्स ड्रैग विधि का प्रयोग कहां किया जाता है?
उत्तर : इसका प्रयोग आग लगे व धुआं भरे मकान में बेहोश व घायल व्यक्ति को बाहर निकालने के लिये किया जाता है।

प्रश्न 29. कालर कफ झोली का क्या उपयोग है? प्रदर्शन करें।
उत्तर : इस झोली का उपयोग कलाई को सहारा देने के लिये किया जाता है। कलाई को संकरी पट्टी में क्लोव हिच से बांधकर गर्दन में बांध देते हैं।

प्रश्न 30. स्पाइका पट्टी कहां बांधी जाती है?
उत्तर : यह 8 के अंक के आकार में बांधे जाने वाली पट्टी होती है। इसे कंधे, जांघ व अंगूठे पर बांधा जाता है।

प्रश्न 31. दम घुटने के लक्षण क्या है?
उत्तर : चक्कर आना, अचेत अवस्था, गर्दन की शिराओं का फूलना, गालों व होठों का नीलापन, श्वास रूक-रूक कर आना या बंद हो जाना।

प्रश्न 32. रक्तदान के समय कितना रक्त लिया जाता है?
उत्तर : 10 से 12 औंस।

प्रश्न 33. स्वस्थ व्यक्ति कितने दिनों में पुन: रक्तदान कर सकता है?
उत्तर : 3-4 माह में

प्रश्न 34. कितनी उम्र का व्यक्ति रक्तदानी बन सकता है?
उत्तर: 18 से 55 वर्ष तक की आयु का व्यक्ति रक्तदानी बन सकता है।

प्रश्न 35. क्या रक्तदान से कोई हानि है?
उत्तर : रक्तदान से कोई हानि नहीं होती।

प्रश्न 36. कौन रक्तदान नहीं कर सकता?
उत्तर :ब्लडप्रेशर, पीलिया, गर्भवती महिला व एड्स का रोगी।

प्रश्न 37. फर्स्ट एड बॉक्स किसे कहते हैं?
उत्तर :प्राथमिक उपचार के लिये रखी जाने वाली सामग्री का बॉक्स।

प्रश्न 38. पट्टियां कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर :दो प्रकार की होती हैं- गोल पट्टी व तिकोनी पट्टी।

प्रश्न 39. नकसीर का क्या उपचार करेंगे?
उत्तर :रोगी को सीधा लिटायें। ललाट (Fore Head) को पीछे झुकाकर सिर पर ठंडा पानी डालें।

प्रश्न 40. झोल कितने प्रकार की होती है?
उत्तर : दो प्रकार की (छोटी झोल, बड़ी झोल।)