Investiture Ceremony Of Scout | दीक्षा संस्कार स्काउट | Scout Investiture Ceremony | स्काउट दीक्षा समारोह

दीक्षा-संस्कार-समारोह-investiture-ceremony

दीक्षा संस्कार

(Investiture Ceremony)

संस्कारो का हमारे जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। संस्कार जीवन को परिष्कृत एवं मर्यादित करते हैं। स्काउट/गाइड शिक्षा का अधिकार स्काउट गाइड को दीक्षा संस्कार के पश्चात ही दिया जाता है। दीक्षा संस्कार एक प्रकार से सदस्यता ग्रहण समारोह है। दीक्षा संस्कार के पूर्व स्काउट/गाइड को एक विशेष प्रकार का कोर्स करना पड़ता है जिसे ' प्रवेश ' के नाम से जाना जाता है । यह कोर्स स्काउट गाइड को कम से कम तीन माह पूरा करना होता है। इस कोर्स में स्काउट / गाइड द्वारा नियम व प्रतिज्ञा पर अमल करने के साथ - साथ प्रतिदिन कम से कम एक भलाई का कार्य करने की आदत डाली जाती है । स्काउटर / गाइडर की संतुष्टि पर ही सदस्यता रम्म या दीक्षा - संस्कार सम्पन्न किया जाता है।

प्रवेश का कोर्स पूर्ण कर लेने के पश्चात् किसी शुभ दिन प्रातः या सायं की सुमधुर बेला में शान्त , नैसर्गिक सुषमा युक्त स्थल पर छात्र / छात्राओं के अभिभावक एवं किसी पूजनीय बुजुर्ग व्यक्ति के सानिध्य में स्काउटर्स / गाइडर्स द्वारा स्वयं अपने स्काउट्स गाइड्स को दीक्षा देनी चाहिए।

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 दीक्षा -

संस्कार का दिन स्काउट - गाइड के जीवन का अति महत्वपूर्ण और अविस्मरणीय दिवस होता है। स्नान व उपवास रखकर विशुद्ध मन से प्रतिज्ञा करने पर आजीवन आचरण करने का संकल्प लेने की प्रक्रिया से मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अतः स्काउटर्स / गाइडर्स को इस उत्सव को आकर्षक और पवित्र बनाने का प्रयास करना चाहिए ताकि स्काउट गाइड को यह आभास हो कि वे एक नये जीवन में प्रवेश कर रहे हैं। यदि एक अवसर पर एक या दो स्काउट/गाइड को ही दीक्षा दी जाये तो यह अधिक सार्थक होगी। भीड़ में (दो से अधिक को) दी गई दीक्षा प्रभावहीन हो सकती है।

 तैयारी -

 इस अवसर पर सभी स्काउटर्स/गाइडर्स तथा स्काउट/गाइड यूनिफार्म में हों। प्रातः हो तो दल / कम्पनी को नालाकार में खड़ा कर पहले ध्वज शिष्टाचार कर लें। दीक्षा संस्कार की सभी सामग्री यथास्थान रखी हो। तत्पश्चात् दीक्षा दी जाये। स्काउटर्स / गाइडर्स झण्डे की ओर अपना स्थान ग्रहण करें। उनके पीछे द्वितीय स्काउटर / द्वितीय गाइडर सदस्यता बैज , स्कार्फ , वॉगल आदि लेकर खड़े हों। शेष आमंत्रित व्यक्ति बांयी ओर को खड़े हो। पूर्ण तैयारी के बाद स्काउटर / गाइडर संक्षेप में इस दिवस के महत्व पर प्रकाश डालें तब पैट्रोल लीडर को नये स्काउट को दीक्षा हेतु लाने को कहें। पैट्रोल लीडर स्काउट को लेकर स्काउटर से दो कदम आगे रूक कर सैल्यूट करेगा तथा नये स्काउट का परिचय कराने के बाद एक कदम पीछे लेकर वहीं खड़ा रहेगा।

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दीक्षा - विधि (स्काउट)

स्काउटर- क्या तुम जानते हो तुम्हारी मर्यादा क्या है ?

दीक्षार्थी स्काउट- जी हाँ , श्रीमान् इसका अर्थ है कि मेरी सच्चाई और ईमानदारी पर विश्वास किया जा सकता है।

पैट्रोल लीडर अपनी टोली के दीक्षार्थी को लेकर स्काउट मास्टर के समक्ष उपस्थिति होता है।

लीडर टुप फ्लेग को डंडे पर टुप लगाकर लाता है। स्काउट मास्टर दीक्षार्थी का नाम व टोली के नाम सभी को बताता है।

स्काउटर:- क्या मैं तुम्हारी मर्यादा पर विश्वास कर सकता हूँ कि तुम यथाशक्ति ईश्वर और अपने देश के प्रति अपने कर्त्तव्य का पालन करोगे , दूसरों की सहायता करोगे और स्काउट नियम का पालन करोगे?

दीक्षार्थी स्काउट- जी हाँ , श्रीमान

स्काउटर- इस प्रतिज्ञा को लेने के बाद क्या तुम उस पर जीवन्त पर्यन्त पालन करोगे ?

दीक्षार्थी स्काउट- जी हाँ , श्रीमान् 

स्काउटर :- दल साव - धान् , स्काउट - चिन्ह

दीक्षार्थी स्काउट और स्काउटर दोनों अपने बायें हाथ से ध्वज स्पर्श करेंगे और दाहिने हाथ से स्काउट चिन्ह बनायेगें। सभी उपस्थिति स्काउट / स्काउटर्स भी चिन्ह बनाकर सावधान अवस्था में खड़े रहेंगे। स्काउटर धीरे - धीरे प्रतिज्ञा बोलेंगे जिसे दीक्षार्थी स्काउट प्रतिज्ञा लेगा। अन्य स्काउट प्रतिज्ञा दोहरायेंग।

मैं मर्यादा पूर्वक प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं यथाशक्ति ईश्वर और अपने देश के प्रति अपने कर्त्तव्य का पालन करूंगा

दूसरों की सहायता करूंगा और

स्काउट नियम का पालन करूंगा

ध्वज ऊपर उठा लिया जाता है तथा दल को विश्राम का आदेश दिया जाता है , अब स्काउटर द्वारा उसे सदस्यता बैज प्रदान किया जाता है और उसका महत्व बताया जाता है। ग्रुप लीडर आगे आकर स्कार्फ पहनाता हैं तथा सहायक स्काउटर कैप , प्रगति पत्र और लाठी प्रदान करते हैं। मुख्य अतिथि द्वारा पुष्प प्रदान कर आर्शीवचन दिये जाते हैं। इस अवधि में सभी स्काउट नये स्काउट के सम्मान में स्वागत् - गीत गाते हैं। पूर्ण वेश और दीक्षा प्राप्त कर स्काउट अपने स्काउटर्स तथा सभी स्काउट्स को सैल्यूट कर बांया हाथ मिलाता है। यदि झण्डा फहराया गया हो तो पहले झण्डे को सैल्यूट करना चाहिए अपने स्काउटर और सभी स्काउट को सैल्यूट करना चाहिए। तत्पश्चात मिष्टान वितरण या फल वितरण किया जाता है।

दीक्षा संस्कार उत्सव के पश्चात कोई प्रशिक्षण या अन्य कार्य नही करने चाहिए। ताकि नया स्काउट नए उत्साह से घर जाकर अपने माता पिता तथा बड़ो का आशीर्वाद प्राप्त कर सके।