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AIDS TO SCOUT MASTERSHIP

1. A Nation owes its Success, not so much to its strengh in Oraments as to the amount of character in is Citizen.
" Explain why a troop should not exceeal 32."

एक राष्ट्र की सफलता उतनी सैनिक शक्ति पर निर्भर नही, जितनी की इसके नागरिको के चरित्र पर 

बताये की एक ट्रूप में 32 से अधिक संख्या क्यों नही होनी चाहिए ?

" एक राष्ट्र की सफलता उतनी सैनिक शक्ति पर निर्भर नही, जितनी की इसके नागरिको के चरित्र पर "

 "एक मनुष्य द्वारा जीवन में सफल होने के लिए चरित्र पाण्डित्य से अधिक आवश्यक है।

इसलिए चाहे एक राष्ट्र के लिए हो या व्यक्ति विशेष के भक्ति को अपने लिए मार्ग प्रशस्त करना है तो इसका विकास उसमें उस समय किया जाता चाहिए, जब वह यह प्रारंभ ही कर रहें अर्थात् जब वह अभी लड़का ही है, और अभी ग्रहणसील है।

चरित्र एक लड़के में ड्रिल की तरह डाला नहीं जा सकता है। इसके लिए किटाणू तो उसमें पहले से ही है। परंतु इन्हें बाहर खीचां जाना और फैलाया जाना चाहिए।

साधारणत: चरित्र वातावरण या आस-पडोस का परिणाम होता है। उदाहरण के लिए दो छोटे बालकों को लीजिए, यदि आप चाहे तो क्यों न एक साथ जन्म लिया हो, स्कूल में उन्हें एक प्रकार के ही पाठ पढाइये, परंतू उन्हें स्कूल के बाहर एक दुसरे से भिन्न आस-पडोस, घर और साथी उपलब्ध किजिए। एक को दयालू और प्रोत्साहन देने वाली माता की देख-रेख, स्वच्छ व सच्चे सीधे खिलाड़ी के बीच जहाँ उनकी मर्यादा पर जीवन के नियमों को पालन करने का विश्वास किया जा सकें। दुसरी ओर दुसरे लड़के को लीजिये और उसको गंदे घर में, गलियों में चोरी करने वालें, असंतुष्ठ साथियों में आवारा गर्दी करने दिजिए। क्या यह उसी प्रकार का चरित्र बान हो सकेगा जैसा की उसके साथ उत्पन्न दुसरा बालक। प्रतिदिन हजारो लड़को को चरित्र हीन, और बेकार, आवारा-गर्दी करने वाले स्वयं के लिए दयनीय आखों में खटकने वाले और राष्ट्र के लिए खतरा बनने के लिए बर्बाद किया जा सकता है।

उनकी रक्षा की जा सकती है। यदि केवल उन्हें उनके जीवन के साध्य समय में अच्छा आस-पड़ोस एवं अच्छा वातावरण उपलब्ध करा दी जायें और हजारों ऐसी भी है जिन्हें इसे नीचे स्तर में तो नही माना जाना चाहिए, क्योंकि जिंदगी की हर श्रेणी में बर्बाद करने वाले तो होते ही है जो कि यदि उन्हें सही आयु में अपने चरित्र का विकास करने के लिए आग्रह किया जाया तो वे और भी अच्छे व्यक्ति बन सकतें है। और देश के लिए और भी अधिक मुल्यवान और अपने लिए अधिक संतोष जनक हो सकते हैं?

इसलिए बॉयज स्काउट प्रशिक्षण का सबसे अधिक महत्व पूर्ण अभिप्राय हो जाता है। शिक्षित करना याद रखिए शिक्षित करना प्रशिक्षण देना नही है अर्थात् लड़के को इस प्रकार प्रशिक्षण देना कि वह अपनी इच्छा से वहीं बातें स्वयं सीखें जो उसमें चरित्र का विकास कर सकती है।

एक ट्रूप में 32 से अधिक न हो इसका एक कारण है -

एक ट्रूप में 32 से अधिक संख्या होना वाहित नही है लॉर्ड बेडन पावेल इस संख्या का सुझाव देते हुए कहते हैं कि उन्होंने स्वयं लड़को को शिक्षा देते समय यह पाया की प्रत्येक लड़के तक पहुँच करना और व्यक्तिगत से उसका विकास करने के लिए वे स्वयं 16 को संभालने के लिए सक्षम समझतें हैं तथा अन्य व्यक्ति को अपने से दो गुणा योग्य मानते हुए 32 की संख्या का सुझाव देते हैं।

लॉर्ड बेडन पावेल ने व्यक्तिगत शिक्षा पर जोर देते हुए कहते हैं कि यहीं केवल ऐसा मार्ग है जिसके द्वारा आप शिक्षित कर सकते हैं। यदि आपकी आवाज ऊँची हों और अनुशासन रखने के तरीकें रोचक हो तो 1000 को भी, परंतू यह प्रशिक्षण नहीं है।

शिक्षा तो वह वस्तु है जिसकी गिनती चरित्र निर्माण और मनुष्य के निर्माण में होती है।

अपने को संपूर्ण बनाने का प्रबोधन जन व्यक्ति विशेष मे ठीक प्रकार से भर दिया जाता है तो उसके क्रियाशील प्रयत्न उसके स्वभाव और क्षमता के अनुरूप इसमें लग जाते हैं।

स्काउट नियम का उपदेश देने से या इससे लड़कों के लिए समूह को आज्ञा के रूप में देने से जरा सा भी लाभ नही है। प्रत्येक दिमाग के लिए इसकी विशेष व्याख्या की आवश्यकता है और इस पर अमल करने के लिए तीव्र इच्छा की जरूरत है।

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2. The Scoutmaster who is a here to his boys. its Sentence Indicate what Write in detail.?

स्काउट मास्टर जो अपने लड़को के लिए एक नायक है - यह वाक्य क्या इंगित करता है, विस्तार से लिखें?

एक स्काउट मास्टर जो अपने लङको के लिए वीर पुरुष है वह उनके विकास के लिए शक्तिशाली लीडर होता है। परंतू साथ ही अपने ऊपर वह बहुत बड़ा दायित्व भी ले लेता है। वे उसमें छोटी सी छोटी विशेषता देख लेने की शक्ति रखते हैं चाहे यह गुण हो या अवगुण उसका शिष्टाचार उनका हो जाता है। जितनी विनम्रता का वह प्रदर्शन करतें है, उसका क्रोध, उसकी प्रसन्नता, या उसकी व्याकुलता, उसका ऐच्छिक आत्मानुशासन या उसकी कदाचित होने वाली कमजोरियों न केवल देख ही ली जाती है। परंतू उसके अनुयाइयों द्वारा भी जीत जाती हैं।

इसलिए स्काउट नियम और इसमें जो कुछ भी निहित है, उसके पालन करने के लिए स्काउट मास्टर स्वयं अपने जीवन के हर पहलू में इन बातों का पालन करना चाहिए। जो वे कहते हैं विना शिक्षा का कोई शब्द कहें लड़के उसके पीछे लग जातें हैं।

स्काउट मास्टर का कार्य गाल्फ या हंसिये कसना या उड़ती महली पकड़ने की तरह है। यदि आप दबाव डालोगें तो आप वहाँ तक नही पहुँच पाओगे कम से - कम उस प्रकार से नही जैसे की धीरे- धीरे विना प्रयत्न के झूलें पर परंतू आपको झुलना तो आवश्यक है। केवल खामोस खड़े रहने से कोई लाभ नहीं है। इन दो में एक या दुसरी बात अवश्य है चाहें तो प्रगति या आराम।

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बेडन पॉवेल पायनियरिंग को पहला कदम क्यों कहते हैं- कुछ वाक्यो में लिखें ?

पायनियरिंग पहले कदम के रूप में एक स्काउट को प्रारंभ करने के लिए पहला कदम शिविर में झोपडी बनाना, अभ्यास के द्वारा वृक्ष गिराना, कैम्प पुल बनाना, बिना किसी तैयारी शिविर जीवन के वर्तन तैयार कर लेना - जैस बर्तन के हुक, और प्लेट रैक आदि तम्बू बनाना, कैम्प लूम में चटाई बनाना आदि के द्वारा आसानी से लिया जा सकता है। लड़के इन कार्यों को प्रयोगात्मक और अपने शिविर में उनको आराम देने वाले पाते हैं।

इन पर कार्य प्रारंभ कर देने के बाद वे शरद मौसम की सायंकाल में ऐसे शॉकों में लग जाने के उत्सुक होंगे, जिनमें योग्यता प्राप्त कर लेने के बैन अलब्ध हो सकेंग और कला पूर्ण कार्य के बदलें धन भी मिल सकेंगा। इस प्रकार के शीघ्र ही उत्साही कार्य कर्ता बन जातें है।

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