प्रथम सोपान गाँठ ,फ़ांस एवं बन्धन और उनके उपयोग | Knot ,Hitch & Lashing | Pratham Sopan Knot


प्रथम सोपान गाँठ एवं बन्धन

1डॉक्टरी गाँठ (REEF KNOT:-

एक ही रस्सी ,कपड़े या पट्टी के सिरों को एक साथ बांधने में प्रयुक्त होती है। पट्टी को बांधने में इसी गाँठ का प्रयोग करते हैं। यह मरीज के शरीर मे चूभती नही वरन गद्दी का कार्य करती है। इसे पार्सल गाँठ,चिपटी गाँठ,चौकोर गाँठ भी कहा जाता है।
- विधि:-
रस्सी के दोनों सिरों को एक एक हाथ मे पकड़े 
-दाहिने हाथ के सिरों को बाएं हाथ वाले सिरों पर तथा बाएं हाथ के सिरों को दाहिने हाथ के सिरे के ऊपर रखे।
- अब दोनों हाथ की रस्सी को खींच ले।


2. सन्धि गाँठ (SHEET BAND):-

यह गाँठ दो समान व असमान मोटाई की रस्सियों को जोड़ने एवं स्थायी रूप से बांधने के काम मे आती है। इसे जुलाहा गाँठ भी गाँठ कहा जाता है। झंडे को बांधने में इस गाँठ का प्रयोग किया जाता है।
-विधि:-
रस्सी के दोनों सिरों को एक एक हाथ मे ले
बाएं हाथ म रस्सी के सिरे पर एक गोला (लूप) बनाये।
-दाएं हाथ के सिरे को बाएं हाथ के सिरे में बने गोले में नीचे से ऊपर की ओर निकले।
-  अब दाहिने हाथ मे रस्सी के सिरे को बाएं हाथ की रस्सी के नीचे से घुमाकर सिरे को इसी रस्सी के नीचे से निकाल ले।
- अब सभी सिरों को कसकर खींच ले।

3. खूंटा फांस (CLOVE HITCH):-

इसका उपयोग बन्धनों को शुरू करने और समाप्त करने में किया जाता है। घरों में जानवरों में इसी फांस का प्रयोग होता है ।
- विधि:-
- रस्सी के एक सिरे को खूंटे के चारो ओर लपेटें।
- इसी सिरे को क्रोस करते हुए दुबारा लपेटे।
- इसी सिरे को पिछले घुमाव के नीचे से निकाल लें
- और कस दे।

4. लघुकर गाँठ (SHEEP SHANK KNOT)

रस्सी को बिना काटे अस्थायी छोटा करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है, या रस्सी के किसी बिंदु पर कमजोर होने पर इसका उपयोग किया जाता है।
- विधि:- 
- रस्सी को अपने दोनों हाथों में पकड़िए, उसके सिरों पर दो गोला बना दे।
- बाकी रस्सी को लपेट कर उसके दो सिरे बना लीजिए।
- अब रस्सी के लपेटे हुए बाएं सिरे को , बाएं सिरे में बने लूप में डाल दो, इसी प्रकार लपेटे हुए दायीं सिरे को दायीं सिरे के लूप में डाल दे।
- अब दोनों सिरों को कसकर खींच दे।


5. ध्रुब गाँठ (BOWLINE KNOT)

यह गाँठ अपने आप खुलती या खिसकती नही है। इसलिए इसका उपयोग फंदा बनाने में किया जाता है। इसे जीवन रक्षक गाँठ भी कहा जाता है।
         नदी या तालाब में डूबते हुए व्यक्ति को बचाने में इसी गाँठ का उपयोग किया जाता है।
- विधि :-
- रस्सी को बायें हाथ मे रखकर , एक सिरे को पकड़कर रस्सी के ऊपर से लेकर एक गोला बना ले।
- अब उसी सिरे को नीचे से बनाये हुए गोले के अंदर से निकाल ले।
- अब उसी सिरे को पकड़कर रस्सी के दूसरे खड़े सिरे को घुमाव लगाकर , बनाये हुए गोले के उपर से उस सिरे को डाल कर लूप के नीचे से निकाल ले।
- अब दोनों सिरों को खींच ले


6. मछुआरा गाँठ (FISHER MAN KNOT)

इसका उपयोग दो गीली या फिसलने वाली रस्सियों को जोड़ने में किया जाता है। जाल बनाने में मछुआरा गाँठ का ही प्रयोग किया जाता है।
-विधि :- 
- एक ही रस्सी के सिरे से दूसरी रस्सी के घुमाव लगाकर ऊपरी गाँठ लगा दे।
- इसी तरह दूसरी रस्सी के सिरे से पहली रस्सी के घुमाव लगाकर ऊपरी गाँठ लगा दे।
- अब दोनों रस्सियों के दोनों सिरों को विपरीत दिशा में खींच ले।

7. एक घेरा दो अर्द्ध घेरा फांस (One Round & Two Half Hitch ) :- 
इसका उपयोग तम्बू में किया जाता है इसलिए इसे तम्बू फांस भी कहा जाता है। इस गाँठ का प्रयोग जहाज की घिरनी बंधने के काम मे आती है।
- विधि :- 
- रस्सी के एक सिरे से लकड़ी को लपेट दीजिये
- अब इसी सिरे से रस्सी के खड़े दूसरे हिस्से को लपेट दीजिये लपेटते वक़्त पहले सिरों को दूसरे सिरे के हिस्से से ऊपर लेते हुए , इससे बने गोल से निकालना है।
- एक बार फिर इसी तरह से रस्सी के खड़े दूसरे हिस्से को लपेट दीजिये।

◆ समानांतर बन्धन मार्क- 1

जब दो समांतर बल्लियों (लाठियों) के सिरे जोड़ने हो अथवा तम्बू के लिए दो लाठियों के सिरे थोड़े फैलाना हो,तो इस बन्धन का प्रयोग करते हैं।
विधि:- 
एक लाठी के सिरे पर खूंटा फांस लगाकर दूसरी लाठी को साथ मिलाकर पांच-छह फेरे समांतर लगा ले।
- अब दोनों के मध्य में कसाव देकर दूसरी लाठी पर खूंटा फांस लगा दे।

◆ समानांतर बन्धन मार्क- 2

लाठी की लंबाई बढ़ाने हो या झंडे का पोल बढाना हो तो इस बन्धन का प्रयोग किया जाता है।
- विधि:- 
बन्धन लगाते समय एक लाठी का ऊपरी सिरा और दूसरी का निचला सिरा लेकर दोनों पर खूंटा फांस लगा दे।
- अब आवश्यकतानुसार पांच-छह लपेटे देकर दोनों पर खूंटा फांस लगा दे
- अधिक मजबूती के लिए एक ही सिरे पर दोहरी बन्धन भी लगाए जा सकते हैं।
- शियर लैशिंग मार्क-2 में फ्रेपिंग नही किया जाता है।