संकेत वार्ता (SIGNALLING)
अनादि काल से मनुष्य संकेतों से वार्ता करता चला आया है । प्रारम्भ में मनुष्य को जब भाषा का ज्ञान भी न था तो संकेतों और हाव - भाव से ही एक दूसरे के विचार जाना करता था। यद्यपि आज के इस प्रगतिशील वैज्ञानिक युग में संकेत - वार्ता का कोई विशेष महत्व नहीं रह गया है किन्तु इतना अवश्य है कि युवाओं के लिए यह एक अच्छा खेल है साथ ही उनको बौद्धिक विकास और स्मरण शक्ति की परख करने में सहायक है । संकेत - वार्ता द्वारा स्काउट/गाइड एक दूसरे को महत्वपूर्ण संदेश दे देते हैं। जिसका अन्य लोगों को तनिक भी आभास नहीं हो पाता।
संकेत वार्ता की विधियां संकेत वार्ता की दो प्रमख विधियां हैं :-
1. मोर्स - इसमें डेस (-) और डॉट( . ) के सहयोग से अक्षर बनाकर संदेश भेजे जाते हैं।
2. सीमाफोर - इस विधि में शरीर को आधार मानकर 45° -45° के कोणों पर अक्षर बनाकर संकेत दिये जाते हैं। जैसे 45° =A , 90° = B , 135° = C , 180° = D इत्यादि
मोर्स कोड से संकेत-वार्ता
मोर्स कोड का निर्माण अमेरिकी वैज्ञानिक मि . मोर्स ने किया था। मि . मोर्स ने टेलीग्राफ का भी अविष्कार किया था । मोर्स कोड से संदेश प्रसारण में विविध साधनों का सहयोग लिया जा सकता है जैसे झण्डी , सीटी , बिगुल , टार्च , धुआं , सूर्य की रोशनी में शीशा चमका कर , आग , बजर आदि।
मोर्स संकेत वार्ता के लिए कुछ आवश्यक बातें निम्न प्रकार हैं :-
- डॉट और डैस का प्रयोग कर अक्षर बनाये जाते हैं । डॉट की अपेक्षा डैस में तिगुना समय लगता है ।
- एक अक्षर के पूरा हो जाने पर डैस के बराबर रुकना चाहिए
- जब एक अक्षर पूरा न हो जाये डैस और डॉट के बीच रुकना नहीं चाहिए।
- संदेश भेजने वाला और पाने वाला एक दूसरे के आमने - सामने खड़े हों।
- संदेश पाने और संदेश भेजने वाला अपने पैरों में 25 से.मी. का फासला रखें ताकि आसानी से संकेत पा सकें अथवा भेज सकें ।
- शरीर थोड़ा आगे की ओर झुका हो , दाहिना हाथ बांये कन्धे के ऊपर झण्डी इकट्ठी कर तथा बांया निचले सिरे पर डण्डी पकड़े रहें ।
- तैयारी की स्थिति के लिये झण्डी कन्धे व सिर के ऊपर तथा हाथ ठुड़ी के सामने रहें
- डॉट देने के लिए झण्डी को तैयारी की स्थिति से 30° का कोण बनाकर दाहिने कन्धे तक लाकर पुनः स्थिति में लायें
- डैस देने के लिए झण्डी की तैयारी स्थिति से दाहिने कन्धे तक 90 ° का कोण बनाकर पुनः स्थिति में लायें ।
- संदेश प्रसारण में चार स्काउट गाइड की टोली काम करती है। दो भेजने तथा दो पाने का काम करते हैं। संदेश भेजने / पाने वाला सहायक अपने लीडर के ठीक पीछे खड़ा होकर सहायता करता हैं भेजने वाले के पीछे का सहायक एक - एक अक्षर पढ़ कर बोलता जाता है । शब्द पूरा हो जाने पर ' ग्रुप ' बोलता है । पाने वाले का सहायक अक्षर व शब्द लिखता चला जाता है । लिखने वाला यदि बड़े अक्षरों (Capital letter) में लिखे तो अच्छा है।
- मार्स संकेत वार्ता के लिए झण्डी की नाप 60 से.मी. (24 इंच) के वर्ग में होनी चाहिए जिसकी जमीन सफेद रंग की हो तथा 7.5 से.मी. चौड़ी लम्बवत् नीली पट्टी मध्य में सिली हो । झण्डी की डण्डी की लम्बाई 75 से.मी. (2) फीट से 90 से.मी. फीट) तक हो। जमीन का रंग नीला तथा कर्णवत् पट्टी सफेद रंग की भी हो सकती है ।
-संकेत वार्ता के समय कलाई को मोड़ा जाना चाहिए । शरीर को न झुकाया और न मोड़ा जाये।
-झण्डी को अष्टाकार घुमाना चाहिए ताकि कपड़ा लिपट न सके ।
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संकेत वार्ता में प्रयुक्त कुछ प्रमुख संकेत निम्नलिखित है-
VE , VE , VE क्या आप तैयार हैं ?
K. हाँ , मैं तैयार हूँ।
Q रुको , अभी मैं तैयार नहीं हूँ।
T सामान्य उत्तर
8 डॉट. इसे काट दें ।
A - R. संदेश समाप्त
R. संदेश प्राप्त किया
AAA पूर्ण विराम
मोर्स कोर्ड याद करने की सरल विधि
जिन अक्षरों में केवल डॉट का प्रयोग होता है:-
E. I. S. H
●. ●●. ●●●. ●●●●
जिन अक्षरों में केवल डैस का प्रयोग होता है :-
T. M. O
_. _ _. _ _ _
डॉट के बाद डैस के अक्षर :-
A. U. V
● -. ●● -. ●●● -
डैस के बाद डॉट के अक्षर :-
N. D. B
- ●. - ●●. - ●●●
विलोम अक्षर :-
F. ●●_●. L. ●_●●
G. _ _ ●. W. ● _ _
Q. _ _ ● _. Y. _ ●_ _
K. _ ● _. R. ● _ ●
शेष अक्षर
C. J. P. X. Z
_ ●_●. ●_ _ _ ●_ _●. _ ●●_. _ _
अंक (संख्या) के लिए पांच के समूह में डॉट - डैस दिए जाते हैं :-
1. ● _ _ _ _ 6. _ ●●●●
2. ●● _ _ _ 7. _ _ ●●●
3. ●●● _ _ 8. _ _ _ ●●
4. ●●●● _ 9. _ _ _ _ ●
5. ●●●●● 0. _ _ _ _ _
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सीमाफोर - विधि से संकेत वार्ता
सीमाफोर लिपि में प्रत्येक 45 ° के कोण पर अक्षर निर्धारित है। इस विधि से संकेत लगभग एक किलोमीटर तक ही भेजे जा सकते हैं। यह लिपि सीखने में सरल है तथा अधिक सामग्री की आवश्यकता नहीं पड़तीसीमाफोर झण्डी की नाप 14x14 इंच तथा डण्डी 20 इंच लम्बाई की हो।
सीमाफोर - वार्ता हेतु जानने योग्य आवश्यक बातें :-
भेजने वाले ( Sender ) और पाने वाले ( Receiver ) एक दूसरे की ओर मुंह कर आमने - सामने खड़े हों । पैरों में 25 से.मी. का फासला रहे तथा सहायक उनकी सहायता के लिए ठीक उनके पीछे खड़े हों ।
- हाथ व झण्डी एक रेखा में रहें , हाथ कन्धे से न पीछे जाये और न कुहनी मुड़े अर्थात् कन्धे की सीध में रहें ।
- कोण सही - सही बनें । पहले ग्रुप में ABCD दाहिने हाथ से EFG बांये हाथ से बनायें । आगे के अक्षरों को बनाते समय हर ग्रुप में दाहिने हाथ को स्थिर तथा बांये हाथ को गतिशील ( Active ) रखें।
- जिन अक्षरों को बनाते समय झण्डियां शरीर के एक तरफ रहती हैं बिना चेहरा और गर्दन घुमाये कमर से पूरा घूम जायें किन्तु पैर न हटाये।
- शब्द पूरा हो जाने के बाद दोनों हाथ तैयारी की स्थिति में लायें।
- संदेश पूरा देने के बाद संदेश समाप्ति के लिए AR दें । पूर्ण विराम के लिए AAA का संकेत दें ।
- संख्या / अंक देने से पूर्व संख्या सूचक संकेत (Number) तथा बाद में J का संकेत दें ।
- अक्षर या शब्द काटने के लिए Annal का संकेत दें (L का उल्टा)
-'क्या आप तैयार हैं ? ' के लिये VE का संकेत दें ।
- आगे का शब्द ठीक करने के लिये WY तथा पीछे के लिए WB का संकेत दें ।
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