AMBULANCE बैज (प्राथमिक सहायता)
प्रश्न 41. काम चलाऊ (एम्प्रोवाइज्ड), स्ट्रेचर कितने प्रकार से बनाए जा सकते हैं?
उत्तर :चादर, स्कार्फ, बैल्ट, रस्सी, कोट, कम्बल, हाफ पैंट, शर्ट व बोरी आदि द्वारा।
प्रश्न 42. स्ट्रेचर उपलब्ध न होने पर रोगी को कैसे ले जायेंगे?
उत्तर : मानव बैसाखी द्वारा।
प्रश्न 43. प्राथमिक चिकित्सा का ध्येय (Motto) क्या होता है ?
उत्तर : देखो, सोचो, करो ।
प्रश्न 44. सी.पी.आर. से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : घायल व्यक्ति के फेफड़ों व हृदय के कार्यों को तुरन्त चालू करना ही कार्डियो पल्मोनरी रैस्पिरेशन अर्थात सी.पी.आर. कहलाता है।
प्रश्न 45. प्राथमिक सहायता में ए.बी.सी.डी से क्या आशय है?
उत्तर:
A . ए का तात्पर्य है एयर वे अर्थात् श्वास की नली।
B - बी का तात्पर्य है ब्रीदिंग अर्थात श्वसन क्रिया।
C - सी का तात्पर्य है सर्कुलेशन अर्थात रक्त संचार।
D - डी का तात्पर्य है डेफिनेटिव ट्रीटमेंट जो विशेष प्रशिक्षित विशेषज्ञों द्वारा दिया जाता है।
प्रश्न 46 सदमा क्या होता है?
उत्तर: किसी दुखद घटना के समाचार या दुर्घटना में लगी चोट से व्यक्ति के मस्तिष्क में खून का दौरा कम हो जाता है तथा बी.पी. भी कम हो जाता है इसी को सदमा कहते हैं।
प्रश्न 47 दम घुटना (Choking) क्या है ?
उत्तरः गले में कोई वस्तु फंस जाने अथवा किन्हीं कारणों से सांस लेने में दिक्कत होने को दम घुटना कहते हैं।
प्रश्न 48 मूर्छा (Fainting) क्या होती है ?
उत्तरः सिर में रक्त की कमी हो जाने से व्यक्ति बेहोश हो जाता है इसे ही मूर्छा कहते हैं।
प्रश्न 49 मोच आना (Sprain) किसे कहते हैं ? मोच आने पर क्या करें?
उत्तरः शरीर में जोड़ों के चारों तरफ स्थित अस्थिबन्धन तंतुओं में खिंचाव आ जाने को मोच आना कहते हैं। इस स्थिति में ठण्डे पानी की पट्टी बांध देनी चाहिए।
प्रश्न 50. प्राथमिक सहायता में गोल पट्टी को बांधने की कितनी विधियां प्रयोग में लाई जाती है?
उत्तर:
i. सामान्य पेचदार (Simple Spiral)
ii. उल्टे पेच वाली (Reverse Spiral)
iii. अष्टाकार (Figure of 8 Type)
iv. स्पाइका (Spica)
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प्रश्न.51 कलाई को सहारा देने के लिए कौन सी झोल का प्रयोग किया जाता है?
उत्तरः कफ एण्ड कॉलर
प्रश्न 52 गांठों का राजा किसे कहा जाता है ?
उत्तरः बोलाइन।
प्रश्न 53 रीफनॉट का दूसरा नाम क्या है?
उत्तरः हरक्यूलिस नॉट।
प्रश्न 54. दबाव बिंदुओं के नाम बताओ?
उत्तरः
i. कैरोटिड दबाव बिंदु
ii. सवक्लेवियन दबाव बिंदु
iii. ब्रोकियल दबाव बिंदु
iv. फेमोरल दबाव बिंदु।
प्रश्न 55 चिकित्सा विज्ञान में जलने के कितने स्तर बताये गये हैं?
उत्तरः जलने की तीन डिग्री बताई गई है- फर्स्ट डिग्री, सैकंड डिग्री व थर्ड डिग्री।
प्रश्न .56 तिकोनी पट्टी का साईज क्या होता है?
उत्तरः 38 ईंच चोकोर कपड़े के टुकड़े को कर्णवत काटकर दो पट्टियां बनाई जाने के कारण तिकोणी पट्टी की भुजाओं की लम्बाई 38x38x54 ईंच होती है।
प्रयोगात्मक प्रश्न
प्रश्न 57. रस्सी से तात्कालिक स्ट्रैचर तैयार करें।
प्रश्न 58. मानव वैसाखी द्वारा किसी व्यक्ति को कुछ दूर ले जाकर दिखलाएं।
प्रश्न 59. सिर पर तिकोनी पट्टी बांधकर दिखलाएं।
प्रश्न 60. घुटने पर तिकोनी पट्टी बांधकर दिखाएं।
प्रश्न 61. आपके मित्र के हाथ में चोट लग गई है झोल बनाकर दिखाएं।
प्रश्न 62. जीवन रक्षक डोरी फेंककर दिखलाएं।
प्रश्न 63. टोली के साथ स्ट्रैचर ड्रिल करके दिखाएं।
प्रश्न 64. किसी रोगी को किसी भी विधि से कृत्रिम श्वास देकर दिखाएं।
प्रश्न 65. हेलमिच विधि का प्रयोग करके दिखाएं।
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( नोट :- प्राथमिक सहायता से सम्बन्धित अन्य प्रश्न लिख सकते हैं व चित्र लगा सकते है।)
ii. धीमे व तेज रक्त स्राव को रोक सकना:
हम जानते है कि रक्तस्राव धीमा व तेज, दो प्रकार का होता हैं।
a) धीमा रक्त स्राव :- यह रक्त स्राव चटकीला लाल रंग का धीरे-धीरे केशिकाओं के कटने पर होता है। कुछ देर दबाव बनाकर या ठण्डी गीली पट्टी रक्तस्राव के स्थान पर रखकर इसे रोका जा सकता है।
b) तेज रक्तस्राव :- यह रक्त स्राव फव्वारे की तरह स्रावित होता है। यदि तेज लाल रंग का रक्त स्राव है तो धमनी से व गहरा बैंगनी का रक्त स्राव है तो शिरा से रक्त स्रावित होता है। रक्तस्राव के स्थान से कुछ पहले स्थान पर टुर्निकेट द्वारा रोका जा सकता है। टुर्निकेट पट्टी बैल्ट की तरह काम करती है। टुर्निकेट रोलर बैडेज या रबर से भी बनाई जा सकती है।