कब कैसे बने | How to Join Cub | कब प्रवेश की आवश्यकताएं | Cub Motto | कब आदर्श वाक्य, कब प्रतिज्ञा

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कब प्रवेश पाठ्यक्रम

कब 

(i.) कोई भी बालक जो भारत का नागरिक है और जिसकी उम्र 5 वर्ष की पूर्ण हो चुकी है परन्तु 10 वर्ष की उम्र से अधिक का न हो , रंगरूट ( प्रवेशार्थी ) के रूप में पंजीकृत हो सकता है ।

(ii.) एक प्रवेश ' कब ' के रूप में दीक्षा प्राप्त करने से पहले उसे तीन माह तक कब मास्टर की संतुष्टि के अनुसार कार्य करने होंगे 


( iii ) प्रवेश से अपेक्षाएँ :-

1. जंगल की पहली कहानी कह सके ।

2. कब - नियम ,कब आदर्श वाक्य , ' कब ' की प्रतिज्ञा तथा कब अभिवादन का मतलब समझे ।

3 . कब - सैल्यूट और बाएँ हाथ को मिलाने का सही प्रदर्शन कर सके ।

4 अभिभावकों द्वारा बताई गई दैनिक प्रार्थना करे।

5. घर पर प्रतिदिन भलाई का एक कार्य ( गुड टर्न ) करे।

(iv.)  इसके पश्चात् वह कब मास्टर के सम्मुख कब- प्रतिज्ञा लेता है और फिर उसे ' कब ' के रूप में दीक्षा दी जाती है ।

(v.)  अब वह कब का गणवेश पहनने और सदस्यता - बैज लगाने का अधिकारी हो जाता है । कब - सदस्यता बैज कपडे का बना हुआ होता है जिसमें नीले रंग की पृष्ठभूमि पर पीले रंग से ' फ्लर - डी - लिस ' , पीले ही रंग से बने त्रिदल कमल जिसके बीच में अशोक चक्र बना हुआ होता है , बैज होता है । सदस्यता - बैज कमीज की बाँयी जेब के बटन तथा जेब की आधार रेखा के बीचों - बीच खड़ी पट्टी पर या जर्सी पर इसी स्थान पर लगाया जाता है । सदस्यता - बैज कब - मास्टर की संस्तुति ( सिफारिश ) पर स्थानीय या जिला संघ ( जैसी भी स्थिति हो ) द्वारा प्रदान किया जाएगा ।

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कब ' का आदर्श वाक्य है-  कोशिश करो 

कब प्रार्थना गीत- हम हैं छोटे - छोटे बाल .......

कब प्रतिज्ञा है :-

मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं यथाशदित ईश्वर और अपने देश के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करूँगा ,

कब - नियम का पालन करूँगा

और प्रतिदिन एक भलाई का काम करूँगा

नोट :-

आवश्यकता के अनुसार ' ईश्वर ' शब्द की जगह ' धर्म ' शब्द का प्रयोग किया जा सकता है ।

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स्काउटिंग से जुड़े 100 प्रश्न-उत्तर

स्काउटिंग प्रश्न-उत्तर इंगलिश में

कब - नियम

(i.) कब बड़ों की आज्ञा मानता है ।

(ii.) कब स्वच्छ और विनम्र होता है ।

कब सैल्यूट

कब सैल्यूट देने के लिए दाहिने हाथ को चुस्ती से कन्धे की ऊँचाई तक उठाते हैं । हथेली सामने की ओर , प्रथम दो अँगुलियाँ तनी हुई अवस्था में एक दूसरे से अलग रहती हुई तथा पहली अँगुली माथे को छूते हुए और अंगूठा अन्तिम दो अँगुलियों को दबाते हुए रहता है । सैल्यूट करने के पश्चात् हाथ को चुस्ती से नीचे ले आया जाता है ।