स्काउटिंग के संस्थापक लॉर्ड रॉबर्ट स्टीफेन्सन स्मिथ बेडन पावेल के जीवन और स्काउटिंग से जुड़ी अनेक प्रमुख घटनाए और प्रमुख तिथि है।
आज हम कुछ महत्वपूर्ण घटना और प्रमुख तिथि के बारे में जानते है।
बेडन पॉवेल के जीवन तथा स्काउटिंग गाइडिंग की प्रमुख घटनाएं व तिथियां
1908 -
स्काउटिंग फॉर बॉयज नामक पुस्तक का प्रकाशन हुआ
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1909-
क्रिस्टल पैलेस लन्दन की स्काउट रैली में 11000 स्काउट्स ने भाग लिया , वुल्फ पैट्रोल की कुछ लड़कियां भी स्काउट हैट व स्कार्फ पहनकर इस रैली में आ धमकी
1910-
बी.पी. की बहिन मिस एग्नेस बेडन पावेल की सहायता से बी.पी. ने गर्ल गाइडिंग प्रारम्भ की
1911-
विन्डसर पैलेस में दूसरी स्काउट रैली में 30,000 स्काउट्स ने जार्ज पंचम को सलामी
1912 -
बी.पी . ने मिस ओलेव सेन्ट क्लेयर सोम्स से शादी की ।
1914-
प्रथम विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक स्काउट्स ने सहायता कार्य किया । 5 अगस्त , 1914 से 7 मार्च , 1920 तक कुल 23,000 स्काउट्स ने चिकित्सालयों एवं तट - रक्षा में सहायता की।
1916-
वुल्फ कब संस्था खोली तथा वुल्फ कब हैण्डबुक लिखी
1919-
' एड्स टू स्काउट मास्टरशिप ' पुस्तक लिखी । गिलवेल पार्क की भूमि प्राप्त की । स्काउटर्स उच्च प्रशिक्षण केन्द्र बना । रोवरिंग प्रारम्भ हुई
1920 -
ऑलम्पिया , लन्दन में पहली विश्व स्काउट जम्बूरी हुई जिसमें 34 देशों के 8000 स्काउट्स लिया । भारत से 15 स्काउट तथा 8 कब सम्मिलित हुए । 6 अगस्त , 1920 को बी.पी. को विश्व चीफ स्काउट घोषित किया गया
1921-
बी.पी. का भारत आगमन हुआ
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1922-
" रोवरिंग टू सक्सेस " नामक पुस्तक का प्रकाशन हुआ
1924- दूसरी विश्व जम्बूरी डेनमार्क में कोपनहेगन के निकट अरमेलुन्डेन ( Ermelunden ) में सम्पन्न हुई जिसमें 33 देशों के 4549 स्काउट्स ने भाग लिया
1929-
तीसरी विश्व जम्बूरी ऐरोपार्क , बिर्केनहैड , इंग्लैंड में हुई । 69 देशों के 50,000 स्काउट्स ने भाग लिया
1930-
लेडी बी.पी. विश्व चीफ गाइड बनी
1933-
चौथी विश्व जम्बूरी हंगरी के गोडोलो में हुई जिसमें 54 देशों के लगभग 25,000 स्काउट्स सम्मिलित हुए
1937 -
बी.पी . तथा लेडी बी.पी. का पुनः भारत आगमन हुआ । दिल्ली में अखिल भारतीय जम्बूरी आयोजित हुई । हॉलैण्ड में पाँचवी विश्व जम्बूरी हुई जिसमें 34 देशों के 28,750 स्काउट्स ने भाग लिया
1941-
8 जनवरी , 1941 को केन्या में लम्बी बीमारी के बाद 83 वर्ष 10 माह 17 दिन का शानदार जीवन जी कर बी.पी. स्वर्गवासी हुए । माउन्ट केन्या ( अफ्रीका ) में उनको दफनाया गया ।
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