जलने के प्राथमिक उपचार || BURN || द्वितीय सोपान लॉगबुक ||DIGITAL SCOUTING || THE BHARAT SCOUTS AND GUIDES.

आग से जलने का प्राथमिक उपचार
आग से जलने का प्राथमिक उपचार

जलना घर में लगने वाली आम चोटों में से एक है। जलने से त्वचा को गंभीर नुकसान होता है जिससे त्वचा की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। त्वचा के जलने से त्वचा के ऊतकों को नुकसान होता है। हीट या गर्मी के किसी स्त्रोत, जैसे गर्म धातु, करंट, गर्म पदार्थ या भाप के संपर्क में आने से त्वचा जल जाती है। अगर आपने प्रभावित क्षेत्र पर कपड़ा पहना हुआ है, तो वह गर्मी को बाहर निकलने नहीं देता जिससे और नुकसान होता है। ज़्यादातर लोग जलने के बाद बिना किसी गंभीर नुकसान के ठीक हो जाते हैं। गंभीर जलने की स्थिति में तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है नहीं तो पीड़ित व्यक्ति को गंभीर नुकसान हो सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है।


जलने के स्तर और गंभीरता :- जलने पर शरीर को होने वाले नुकसान को डिग्री में वर्गीकृत किया जाता है। जो निम्नलिखित हैं :-

• पहली डिग्री: जलने का सबसे कम गंभीर प्रकार वह होता है जिसमें त्वचा की केवल ऊपरी परत ही जलती है। इस परत को एपिडर्मिस (Epidermis) कहा जाता है। पहली डिग्री के जलने में त्वचा की ऊपरी सतह में लाली, सूजन व दर्द होता है और अंदर की परतों को नुकसान नहीं होता है। इसे तब तक माइनर बर्न (Minor burn) माना जाता है जब तक हाथों, पंजों, चेहरे, पेट व् जांघ के बीच के भाग और कूल्हों के ज़्यादा हिस्से नहीं जलते।

• दूसरी डिग्री: अगर जलने के कारण त्वचा की पहली और दूसरी दोनों परतों को नुकसान होता है, तो उसे सेकंड डिग्री बर्न कहा जाता है। त्वचा की दूसरी परत को डर्मिस (Dermis) कहते हैं। इसमें त्वचा पर फफोले व बड़े धब्बे हो जाते हैं और उसका रंग अधिक लाल होने लगता है। दूसरी डिग्री से जलने पर बहुत दर्द और सूजन होती है।

• तीसरी डिग्री: सबसे गंभीर तरह से जलने को थर्ड डिग्री बर्न कहा जाता है। इसमें त्वचा की सारी परतें जल जाती हैं और व्यक्ति को दर्द नहीं होता। इससे प्रभावित क्षेत्र में मौजूद फैट, मांसपेशियां और यहां तक की हड्डियां भी जल सकती हैं। जला हुआ हिस्सा काला पड़ जाता है और सूखा हुआ व सफ़ेद दिख सकता है।

जल जाने पर क्या लगाना चाहिए :- गंभीरता और शरीर को होने वाले नुकसान के आधार पर जलने को मेजर और माइनर बर्न में वर्गीकृत किया जाता है। अगर जलने से शरीर को अधिक नुकसान हुआ है, तो उसे मेजर बर्न (Major burn) कहते हैं और अगर कम नुकसान हुआ है, तो उसे माइनर बर्न (Minor burn) कहते हैं।

माइनर बर्न के लिए फर्स्ट ऐड:
◆ जले हुए क्षेत्र को थोड़े ठन्डे पानी में रखें या दर्द ठीक होने तक ठंडी सिकाई करें।
◆ प्रभावित क्षेत्र में सूजन होने से पहले जल्दी से अंगूठी और ऐसी अन्य टाइट वस्तुओं को उतार दें।
◆ अगर त्वचा पर फफोला बन गया है, तो उसे फोड़े नहीं क्योंकि यह त्वचा को इन्फेक्शन से बचाता है। अगर यह अपने आप फूट जाता है, तो उस जगह को पानी से साफ कर लें और उस पर एंटीबायोटिक दवा लगा लें। अगर चकत्ते होते हैं, तो यह दवा लगाना बंद कर दें।
◆ प्रभावित क्षेत्र के ठंडा होने के बाद उसपर एलोवेरा युक्त कोई लोशन या मॉइस्चराइज़र लगाएं। इससे घाव सूखता नहीं है और आराम मिलता है।
◆ जले हुए हिस्से पर पट्टी लगाएं और अधिक रुई का इस्तेमाल न करें। इसे ढीला बांधें ताकि जले हुए हिस्से पर दबाव न बने। पट्टी लगाने से घाव पर हवा नहीं लगती, दर्द कम होता है और त्वचा पर छाले नहीं होते।
◆ अगर आवश्यकता है तो मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली कोई दर्द निवारक दवा लें।

मेजर बर्न के लिए फर्स्ट ऐड
अगर हो सके तो व्यक्ति के आस-पास से करंट या जलने वाले स्त्रोत को हटाएं। अगर व्यक्ति करंट से जला है, तो उसकी मदद करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि उसके आस-पास से करंट का स्त्रोत हटा दिया गया हो।
★ यह चेक करें कि व्यक्ति सांस ले रहा है या नहीं। अगर आपको आता है तो उसे "माउथ-टू-माउथ" तरीके से सांस दें।
★ जले हुए क्षेत्र और गले पर से बेल्ट या अंगूठी जैसी टाइट वस्तुएं हटा दें।
★ जले हुए क्षेत्र को कवर करने के लिए ठंडे और हल्के गीले कपड़े से ढकें।
★ अगर हो सके तो जले हुए क्षेत्र को हृदय के स्तर से ऊपर की तरफ उठाएं।
★ जले हुए बड़े घावों को पानी में न डुबाएं। इससे शरीर की हीट गंभीर स्तर पर कम हो सकती है।

इस तरह हम जलन का प्राथमिक उपचार कर सकते हैं।

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