HUMAN STRECTURE || मानव वैशाखी || TRITIYA SOPAN LOGBOOK || THE BHARAT SCOUTS AND GUIDES.

★ रोगी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना

तृतीय सोपान लॉगबुक के अंतर्गत एक प्रश्न आता है कि किसी भी रोगी को एक स्थान से दूसरे स्थान तक बिना स्ट्रेक्चर से कैसे ले जाया जाता है। एक बचावकर्मि एवं दो बचावकर्मि द्वारा , इसकी जानकारी नीचे के पोस्ट में संक्षिप्त रूप में दी गयी है।

रोगी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना:

i. एक बचाव कर्मी द्वारा
ii. दो बचावकर्मियों द्वारा


i. एक बचावकर्मी द्वारा :-

पैरों के टखनों को खींचकर: यह रोगी को समतल जमीन पर कम दूरी के लिए ले जाने का सरल व तेज तरीका है। इसमें रोगी के दोनों पैरों के टखनों को पकड़कर खींचा जाता है। रोगी को सीधा व समतल जमीन पर खींचा जाता है।


हाथों में उठा कर: बचावकर्मी अपने दोनों हाथों में रोगी को उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा सकता है। इसमें रोगी की पीठ व पैरों के घुटनों को बचावकर्मी के हाथों का सहारा मिलता है।


कंबल पर लिटा कर: कंबल पर रोगी को लिटा कर कंबल को खींचा जाता है। इसमें धरातल समतल होना चाहिए।


Fire Fighters Carry: रोगी को ज्यादा दूरी तक ले जाने के लिए बचावकर्मी उसको अपने एक कंधे पर रखकर ले जाता है। इसमें रोगी का मुंह जमीन की तरफ नीचे की ओर होता है और पैर बचावकर्मी के आगे की ओर होते हैं । बचावकर्मी अपने हाथ से रोगी के दोनों पैरों के घुटनों के ऊपर पकड़कर सहारा देता है ।


ii. दो बचावकर्मियों द्वारा:

भुजाओं और टांगों को पकड़कर: इसमें पहला बचावकर्मी रोगी के पीछे खड़ा होकर रोगी के दोनों हाथों के नीचे से शरीर के मध्य भाग को पकड़ता है। दूसरा बचावकर्मी रोगी के पैर के घुटनों को सहारा देते हुए पकड़ता है। दोनों बचावकर्मी खड़ी अवस्था में होते हैं।


दो हाथों से सीट बनाकर : यह तकनीक रोगी को लंबी दूरी तक ले जाने के काम आती है। इसमें बचावकर्मी एक-दूसरे का हाथ पकड़कर अपने हाथों से एक सीट बनाते हैं। रोगी को उठाकर सीट पर बैठाया जाता है इसमें दोनों बचावकर्मियों के एक-एक हाथ रोगी के घुटनों को सहारा देते हैं तथा अन्य एक-एक हाथ रोगी की पीठ को सहारा देते हैं। रोगी के दोनों हाथ दोनों बचावकर्मियों के कंधों पर होते हैं ।