अनुमान लगाना || ESTIMATION || द्वितीय सोपान लॉगबुक || दूरी का अनुमान लगाना || THE BHARAT SCOUTS AND GUIDES || DIGITAL SCOUTING

 अनुमान लगाना ( Estimation )

अनुमान लगाने को तृतीय सोपान में विस्तार पूर्वक व्यक्त किया गया है । यही पर दूरी का अनुमान कदमों से ज्ञात करने की चर्चा की जा रही है।

    द्वितीय सोपान में अनुमान से संबंधित निम्न दो बातें जानना आवश्यक हैं:-

(1) तात्कालिक उपलब्ध साधनों से 30 मीटर से 100 मीटर तक की दूरी का अनुमान लगाना ।

(2) अपने कदमों की दूरी ज्ञात करना

- पहली विधि:-  यदि हमारे पास फीता हो या 3 मीटर की रस्सी अथवा कोई लाटी हो तो उसकी सहायता से यह दूरी नापी जा सकती है । हमारी लाठी पर फीट या मीटर , सेंटीमीटर के चिन्ह बने रहते हैं , उससे दूरी नापी जा सकती है।

- दूसरी विधि- हमारे कदम हैं , यदि हमें अपने कदम की दूरी (नाप) ज्ञात हो तो वांछित दूरी निकाली जा सकती है । साधारण तथा किसी व्यक्ति की तेज चाल में कदम की दूरी 30 इंच या 75 सेन्टीमीटर और दौड़ चाल में 40 इंच या 100 सेन्टीमीटर होती है।

अपने कदम की नाप (दूरी) ज्ञात करने के लिये आप समतल भूमि या सड़क पर कुछ मीटर / गज नाप लें।

माना आप 21 मीटर की दूरी लेते हैं और इस दूरी में आपके 30 कदम आ रहे हैं। अतः आपके एक कदम की दूरी होगी । 30x100 / 30 = 70 सेन्टीमीटर होगी । यदि आप 100 मीटर की दूरी को 100x100 / 70 = 1000 / 7 अर्थात् 143 कदम होंगे । कदमों से नापें तो ठीक - ठीक नापने के लिये कुछ दूरी को लेकर उस पर तीन चार बार चलें । यदि कदम ठीक पड़ते हैं तो मान लें कि आपके कदम एक सार हैं ।